short inspirational poems | in Hindi | सोने की खदान

short inspirational poems

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सोने की खदान पड़ी थी,

short inspirational poems

सोने की खदान पड़ी थी तेरे कदमों के नीचे,
अब पता लगाना तुझको था है कितना वह नीचे या तुम कितने हों ऊंचे।

वो मिलता नहीं जब तक दूरी का पता चलता नहीं,
जब मिल जाए तो दूरी का पता लगाना बनता नहीं,

दूरी पता हों तो कोई भी खोज निकालेगा,
बिन जाने दूरी मेहनत करने वाला ही वो पाएगा,

अगर कोशिश भी ना किया तो कहते रह जाओगे,
मेरे पैरों के नीचे था यह सोच सोच पछताओगे,

अफसोस करें ऐसी कोई बारी ही ना, आए
दिन रात मेहनत करके क्यों ना उसको पाए,

काम शुरू करने से पहले फल का पता नहीं होता,
अगर पता लग जाए फल का तो मेहनत ही नहीं होता,

बिना रुके बिना थके अगर फल की चिंता किए बिना,
जाएगा किसी पथ पर भी, मंजिल तेरा वही होगा,

सोने की खदान पड़ी थी तेरे कदमों के नीचे अब पता लगाना तुझको था
कि है कितना वह नीचे तुम कितने हो ऊंचे,

inspirational poems

यह आखरी कदम है जब नहीं पता है तुझको
कदम बस क्यों लेता है तू, 

जब भी तुम मुड़ना चाहो विचार कर लेना रुक के,
हो सकता है मंजिल बस कुछ ही दूर हो तुझसे,

मेहनत किया है अब तक तो थोड़ा धैर्य और रख ले,
समय बस आने वाला ही है मजा भी उसका चख ले,

जो पेड़ लगाया है तू सपनों के ऊंचे ऊंचे, 
अभी समय है फल पाने में तो क्यों ना उसको सीचे, 

सोने की खदान पड़ी थी तेरे कदमों के नीचे
अब पता लगाना तुझको था कि कितना वह है नीचे या तुम कितने हो ऊंचे,


धन्यवाद
मुझे आशा है की आपको ये पोएम पसंद आया होगा, इस तरह की और inspirational poems, quotes, stories के लिए आप हमारे होम पेज पर विजिट कर सकते है, आप हमे फॉलो कर सकते है, और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कर सकते है,

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