True Motivational story | In Hindi | कुछ अच्छा होना बाकी है

True Motivational story

नमस्कार दोस्तों आज आपको मैं एक ऐसी True Motivational story सुनाने जा रहा हूं, जो पूरी तरह से सच्ची है और बहुत प्रेरणादायक भी,

इस कहानी को पढ़ने के बाद मुझे आशा है कि आपको विश्वास हो जाएगा कि आपके द्वारा किए गए नेकी और ईमानदारी का फल भगवान आपको जरूर देता है, ऐसी ही कहानी एक मनोहर नाम की लड़के की है, आप इस कहानी को पढ़िए और इस कहानी से आपको क्या सीख मिलती है हमें कमेंट में जरूर बताएं,

True Motivational story

कुछ अच्छा होना बाकी है,

मनोहर नाम का गरीब लड़का था,! वह अपनी गरीबी में जैसे तैसे पढ़ाई पूरी करके नौकरी की तलाश कर रहा था,! जहां पर ज्यादा लोग उसकी काबिलियत देखने से पहले ही उसकी हालत देखकर उसे बाहर कर देते,!

वह परेशान था कि कोई नौकरी लग जाए घर का खर्चा चले, उसको सफलता नहीं मिल रही थी,! रोज सुबह उठकर अलग-अलग कंपनियों में इंटरव्यू देने के लिए चला जाता,!उसे हर रोज रिजेक्शन का ही सामना करना पड़ता, ऐसे ही दिन बीते रहे हो और वह रोज जाता है सिर्फ निराशा ही हाथ लगती रही,!

एक दिन ऐसा आया कि उसके सारे पैसे खर्च हो गए थे! अब उसके पास सिर्फ ₹750 बचे थे, वह सोचा अब मैं क्या करूं यहां से वापस जाता हूं! तो भी गांव जा कर क्या करूंगा, कुछ काम नहीं है! वहां और यहां पर नौकरी भी नहीं लग रही है फिर कुछ दिन में यह भी खर्च हो जाएगा,! फिर मैं क्या करूंगा यह सोचते सोचते हो चलता जा रहा था! पैदल चलते चलते वह एक रेलवे क्रॉसिंग तक का पहुंचा, वहां पर एक ट्रेन रुकी थी उसको शायद सिग्नल नहीं मिल रहा था उसने देखा कि आसपास के झोपड़पट्टी के रहने वाले कुछ लोग,!

True Motivational story

सामान बेचने के लिए ट्रेन के अंदर चले जाते, कोई पानी बेचता कोई खाना बेचता,! कोई कुछ और बेचता,! और थोड़ी देर में ही बेच कर नीचे आ जाते, अब सोचने लगा कि क्यों ना मैं भी बचे हुए पैसे को बढ़ाने के लिए कुछ दिन ऐसा कर लेता हूं! बस थोड़े दिन, इससे मेरे पास कुछ पैसे हो जाएंगे यहां और कुछ दिन रुक कर नौकरी की तलाश करने के लिए, यह सोचकर अगले दिन,!

एक दुकान से ₹15 प्लेट की पूरी सब्जी 45 प्लेट पैक करवाया,! यह सोच कर कि इसे मैं ट्रेन में ₹25 पर प्लेट बेचकर एक प्लेट पर ₹10 कमा लूंगा,! मनोहर, 45 प्लेट पूरी सब्जी लेकर चला गया उसी रेलवे क्रॉसिंग पर,! और इंतजार करने लगा,! ट्रेन के आने की लेकिन उसको पता नहीं था ट्रेन वहां कभी कभी ही रुकती है,! घंटो बीत गए वहां कोई ट्रेन रुकी नहीं,!

फिर से उसको असफलता ही हाथ लग रही थी,! फिर मैं सोचा क्यों ना सीधी रेलवे स्टेशन पर ही चले जाए जहां सारी ट्रेन रुकती है, वहां गया तो पता चला कि आज जितनी ट्रेन जाने वाली थी वह जा चुकी है सिर्फ एक बची है जो रात में 10:45 जाती है,! तो वह उस ट्रेन का इंतजार करने लगा इंतजार करते-करते वह ट्रेन रात को 11:00 बजे आती है,! फिर वह लड़का मनोहर उस ट्रेन में घुसने की कोशिश करने लगा पर उस ट्रेन के जनरल डिब्बे में भीड़ हद से ज्यादा थी घुस नहीं पा रहा था,!

True Motivational story

और दूसरे किसी डिब्बे में जाने से डर रहा था क्योंकि उसमें टीटी पकड़ लेगा तो लेने के देने पड़ जाएंगे,!तब तक वो ट्रेन भी निकल गई और वह उस ट्रेन में चढ़ ना सका अब वह पूरी तरह से निराश हो चुका था! क्योंकि उसने सारे पैसे लगा दिए थे पुडी सब्जी पैक करवाने में अब वह सोच रहा था! कि मैं क्या करूंगा अब तो मेरे पास पैसे ही नहीं है,! और इतना सारा खाना भी मैंने पैक करवा लीया है जो कल तक खराब हो जाएगा,

फिर उसके दिमाग में आया अब जो भी होगा देखेंगे पर यह खाना तो खराब नहीं होना चाहिए खाना बर्बाद हो उससे पहले यह खाना खत्म कर लेना चाहिए पर 45 प्लेट खाना खा नहीं सकता था! तो सोचा कि कई भूखे भिखारी बैठे होते हैं क्यों नहीं बांट देता हूं! और उसने को सारा खाना दिखाइए में बांट दिया! और अपने लिए तो पैक बचा कर रख कर निराश हो वापस जा रहा था,

True Motivational story

तभी उसके पास एक आदमी आता है! जो उसी लास्ट ट्रेन से उतरा था मनोहर के पास गया और बोला आप ये बहुत अच्छा काम कर रहे हैं! भूखों को खाना बांट रहे हैं! मुझे बहुत अच्छा लगा यह देखकर आप बहुत नेक इंसान लगते हैं, यह सुनते हैं! उस लड़के मनोहर के आंखों में आंसू आ गए रोने लगा दूसरा आदमी ने पूछा क्या हुआ आप रो क्यों रहे तब उसने अपनी सारी बात बताई उस आदमी को,! और लास्ट को तो खाना पड़ती है! आने वाले कल से मेरे पास खाने के लिए कुछ नहीं है! दूसरा आदमी बोला आप निराश मत होना आप जिस कंपनी से रिजेक्ट हुए हैं! बार-बार वो हमारी ही कंपनी है,! कल से आप ड्यूटी करने आ सकते हैं,!

आपकी ईमानदारी और धैर्य देख कर मैं बहुत प्रभावित हुआ हूं! और मुझे एक नए ब्रांच के लिए एक ईमानदार कर्मचारी की जरूरत थी! कल सुबह नौकरी आपकी! उस लड़के को भरोसा नहीं हो रहा था! कि यह क्या हो गया था, मिनटों में उसकी जिंदगी बदल चुकी थी! और वह अगले दिन से ही नौकरी ज्वाइन करके अपनी सुखद जिंदगी जीने लगा!

कहानी का तात्पर्य

दोस्तों अगर उस लड़के को नौकरी पहली बार में ही मिल जाती तो शायद किसी निचले स्तर पर नौकरी करता रहता! या फिर अगर वह ट्रेन उस दिन रेलवे क्रॉसिंग पर रुक जाती है, तो ट्रेन में वह पूरी सब्जी ही भेजता रहता!यानी कि वह जहां-जहां भी असफल हुआ! वह उसके लिए अच्छा ही साबित हुआ!क्योंकि उसके लिए! तो कोई और बड़ी सफलता इंतजार कर रही थी! True Motivational story

इसी तरह हम सबका जीवन होता है! हम जो भी करना या पाना चाहते हैं नहीं मिलता है! पर इसका यह मतलब नहीं है कि सब खत्म हो गया,! इसका मतलब यह है कि कुछ और अच्छा होना बाकी है,! जो आपका इंतजार कर रहा है! बस आपको चलते जाना है निराश होकर रुकना नहीं है! True Motivational story

किसी महापुरुष ने कहा है कि अगर सब कुछ ठीक नहीं है इसका मतलब यह अंत नहीं है,

धन्यवाद

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